लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सौंदर्या का अवतरण का चौथा भाग भाग 5, भाग-6 भाग 7 रक्षा का भारत आना ८भाग २१भ

42- धूमधाम से मना उत्सव

गीत के कार्यक्रम में सुंदर सुंदर गीतों का संयोजन हो रहा था। जच्चा-बच्चा गाई जा रही थी। खूब हंसी ठिठोली हो रही थी।सभी नन्ही परी को लेकर खुश थे,और उसे देख देखकर  गाना गा रहे थे। उसको गोद में ले ले कर खिला भी रहे थे। परंतु श्रेया को ये चिंता लगी हुई थी। पूरी महफिल में सभी लोग आ चुके थे। परंतु उसकी सहेली रानी और दीपक का  कहीं अता पता नहीं था। श्रेया सोच रही थी, कि वह तो नन्ही परी के लिए इतना खुश होती है। परंतु फंक्शन में क्यों नहीं आई। श्रेया को रानी के ना आने से उसकी बड़ी चिंता लग रही थी।श्रेया चारों तरफ देख रही थी, पता नहीं कब रानी आ जाए। इतने में उसे कहीं से कुछ स्वर जाना पहचाना सा सुनाई दिया। आवाज थोड़ी दूर से आ रही थी, तो यह तो नहीं समझ में आ रहा था कि स्वर किसका है। परंतु जानी पहचानी सी आवाज दिल को स्पर्श करती हुई सी एक आवाज धीरे-धीर बढ़ने लगी थी, और श्रेया को समझते देर नहीं लगी कि ये आवाज़ रानी और दीपक की है। दीपक का ह्रदय नन्ही परी से मिलने के लिए बेताब था, रानी के मन में अलग ही बेचैनी थी के नन्ही परी कब उसे मिल जाए। और वह उसे सीने से लगाकर प्यार कर ले, दोनों अंदर की ओर बढ़ रहे थे। श्रेया को दीपक और रानी की आवाज पहचान में आते ही, श्रेया का मन किसी पुष्प की भांति विकसित हो गया और श्रेया अपनी फ्रेंड रानी की अगुवाई के लिए उठ कर खड़ी हुई। उनका स्वागत किया। और श्रवन ने डॉक्टर साहब के लिए पूछा- कि डॉक्टर साहब कहां है, अभी तक क्यों नहीं आए हैं। रानी दीपक ने कहा- मुझे उनके बारे में कुछ नहीं पता। मेरी उनसे ऐसी कोई बात ही नहीं हुई । हो सकता है कोई मरीज आ गया होगा, उसे देखकर ही आएंगे । रानी ने श्रेया से कहा-तुम चिंता मत करो वह जरूर आ जाएंगे। वह वादे के पक्के हैं ,अगर उन्होंने आने का वादा किया है तो वह जरूर आएंगे‌ रानी परी को आशीर्वाद देने के लिए उनका होना अति आवश्यक है। आखिर डॉक्टर साहब तो इसके नानू जैसे ही हैं, और वो मुझे भी अपनी बेटी जैसा ही प्यार करते हैं। क्या बोली अच्छा चलो अभी गाना बजाना हो रहा है चलो वहां बैठकर गाना बजाना करो।डॉक्टर साहब आएंगे तो यह है बाहर उनके स्वागत के लिए देख लेंगे । फिर हम लोग भी मिलने आ जाएंगे,रानी ने देखा वहां तो बड़े धूमधाम से गाना बजाना चल रहा था।सभी लोग बड़े मीठे स्वर में गाना गा रहे हैं। परन्तु  रानी की नजरें तो नन्ही परी को ढूंढ रही थी। अचानक उसकी नजर नन्ही परी पर पड़ी जो अपनी नानी की गोद में खेल रही थी, रानी बड़ी सकुचाती हुई श्रेया की मां के पास गई, और उसने नन्ही परी को अपनी गोद में लेना चाहा। उसे लगा कहीं श्रेया की मां मना ना कर दे, परंतु ऐसा नहीं हुआ श्रेया के माने रानी को नन्ही परी को गोद में दे दिया। रानी नन्ही परी को गोद में में पाकर तो फूली नहीं समा रही थी। वह तो बहुत खुश थी उसका मन झूम रहा था। वह नन्ही परी को गोद में लिए आकर भगवान के मंदिर के सामने हाथ जोड़कर बैठ गई। नन्ही परी के कुशल रहने की प्रार्थना करने लगी और उसने श्रेया के लिए भी प्रार्थना की। कि श्रेया भी स्वस्थ रहें। और जल्दी से ठीक हो जाए। जब रानी भगवान से प्रार्थना कर रही थी, तो श्रवन और दीपक रानी की तरफ बहुत ध्यान से देख रहे थे, दीपक की मनोदशा अंदर ही अंदर हलचल पैदा कर रही थी, क्योंकि रानी खुद भी एक बच्चे के लिए तरस रही है। अपने सच्चे दिल से श्रेया और नन्ही परी के लिए भगवान से प्रार्थना कर रही थी।

अभी श्रवन के मुंह से निकल पड़ा कि भगवान रानी की भी मनोकामना पूर्ण कर दो। उसके गोद में भी एक हंसता खेलता बालक दे दो। और उसका भी जीवन सार्थक कर दो। प्रभु रानी की भी विनती सुन लो। कहकर श्रवन ने आमीन कहा। उसके पीछे दीपक ने भी आमीन कहा। रानी वहा से उठकर महिलाओं के बीच गाने बजाने में आकर बैठ गई और रानी ने भी एक सुंदर सा गीत प्रस्तुत किया। श्रेया रानी की आवाज सुनकर दंग रह गई,अरे...... तुम तो .....कितना अच्छा गाती हो, रानी मुझे तो पता ही नहीं था। सभी ने रानी के गाने की तारीफ की, और उसकी मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद भी दिया। रानी का मधुर कंठ सुनकर अब तो सभी लोग रानी से एक और गाना गाने की जिद करने लगे। फिर रानी ने एक और गाना गाया, उसके बाद नृत्य का आयोजन सबसे पहले रक्षा को डांस करना था। क्योंकि बुआ को नाचने पर नेग होता है, इसलिए रक्षा ने डांस किया। तो श्रेया ने रक्षा के सिर पर चुन्नी उढ़ाकर नेग पूरा किया। रक्षा भी खुशी में झूम कर नाची और उसने श्रेया को भी पकड़ लिया। पर मां ने श्रेया को नाचने के लिए मना किया‌ कहा अभी कल ही उसके टांके कटे हैं। अभी उसको रहने दो। रहने दो वह अभी ठीक नहीं है। श्रेया ने धीरे-धीरे 2-4 स्टेप करके नृत्य का शगुन कर दिया। उसके बाद उसने रानी को खड़ा होने के लिए कहा- रानी ने नृत्य भी बहुत ही सुंदर किया। आज पता चला कि रानी तो गुणों की खान है, नाचना गाना सभी कुछ रानी को आता है।

रानी और रक्षा ने जमकर डांस किया।और कई और लोगों ने भी डांस किया, मेहमानों में आई ऐसी कई औरतों ने भी सुंदर  डांस प्रस्तुति दी। संगीत का कार्यक्रम बड़ा ही झमाझम सुंदर और जोर शोर से संपन्न हुआ। उसके बाद श्रवन ने खबर दी। कि खाना तैयार है तो संगीत की महफिल को समापन की ओर ले जाया गया। और गाना बजाना डांस बंद किया, और सभी  ने एक दूसरे से अपनी अपनी खुशियां बांटी। और सभी के कई नए दोस्त भी बन गए। जब हम कहीं भी जाते हैं, और  दूसरे ने लोगों से बातचीत करते हैं। तो एक दो तो नये दोस्त बन ही जाते हैं।और तभी  खाना लगने पर सभी लोग खाना खाने चले गए। श्रेया की सासू मां ने कहा कि श्रेया से पहली थाली लगाकर पहले रक्षा को खिलाओ। उसके बाद ही कोई और खाना खाएगा।  श्रेया ने ऐसा ही किया ,मां के कहे अनुसार उसने एक प्लेट लगाई। जिसे श्रेया और श्रवन ने ्् रक्षा को खाने को दे दिया। उसके बाद खाना शुरू करने का आदेश दिया गया। सभी लोगों को खाने के लिए कहा गया। सभी ने प्लेटें उठाकर अपनी अपनी प्लेटों में खाना डाला और गपशप करते हुए खाना खाने लगे। श्रेया ने रानी की गोद से नन्ही परी को ले लिया और कहा कि जाओ तुम भी खाना खा लो। 

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6 Comments

Behtarin rachana

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Chetna swrnkar

25-Sep-2022 10:59 AM

बहुत सुंदर 👌

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shweta soni

25-Sep-2022 09:41 AM

शानदार 👌

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